मैत्री प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफल समापन

                   मैत्री प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफल समापन

                                                             

भारत सरकार की राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना के अन्तर्गत एवं उत्तर प्रदेश पशुधन विकास परिषद लखनऊ के द्वारा वित्तपोषित ‘‘मल्टीपर्पज ऑर्टिफिशिअल इन्सेमिनेशन इन रूरल इण्डिया’’ (मैत्री) के 90 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन समारोह दिनाँक 17 मई 2024 को सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय स्थित पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय के सभागार में आयोजित किया गया। मैत्री परिशिक्षण के इस 90 दिवसीय कार्यक्रम के अन्तर्गत कृत्रिम गर्भाधान को स्वरोजगार के रूप में अपनाने के लिए जनपद सम्भल से आए 40 प्रशिक्षणार्थियों को पशुओं में कृत्रिम गर्भाधान का सैद्वाान्तिक एवं प्रायोगिक सफल प्रशिक्षण प्रदान किया गया।

                                                                 

इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कृषि विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति डॉ0 के. के. सिंह ने कृत्रित गर्भाधान को एक व्यवसाय के रूप में अपनाने के लिए प्रशिक्षणार्थियों को प्रेरित किया और पशु उत्पादन एवं पशु आधारित अर्थव्यवस्था में पशु प्रजनन के महत्व पर भी प्रकाश डाला। इसके साथ ही माननीय कुलपति महोदय ने मुरादाबाद, गौतमबुद्व नगर, एवं सम्भल से आए कुल 79 प्रशिक्षणार्थियों को कृत्रिम गर्भाधान प्रक्रिया को आरम्भ करने हेतु उच्च गुणवत्ता युक्त कृत्रिम गर्भाधान किट भी प्रदान की। इस किट में कृत्रिम गर्भाधान से सम्बन्धित यन्त्र और अन्य सहायक उपकरण जैसे कि कॉस्ट्रेटर, लिक्विड नाइट्रोजन पात्र तथा सैनिटाइजरआदि भी प्रदान किए गए। इससे यह प्रशिक्षणार्थी बिना किसी आर्थिक दबाव के अपने स्वरोजगार को करने में समर्थ हो सकें।

                                                                        

यह प्रशिक्षाणर्थी अपने जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर पशुओं का कृत्रिम गर्भाधान कर पशुओं की उन्नत नस्ल को बढ़ावा दे सकेगें, इससे ग्रामीणों की आय में वृद्वि भी होगी। कार्यक्रम के दौरान स्वागत भाषण अधिष्ठाता पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय डाफ0 राजीव सिंह ने दिया। अपने भाषण के दौरान उन्होंने कहा कि इस योजना के माध्यम से क्षेत्र के ग्रामीण युवाओं को कृत्रिम गर्भाधा का प्रशिक्षण प्रदान कर उनकी आय बढ़ाई जा सकती है। निदेशक प्रसार डॉ0 पी. के. सिंह ने बताया कि मैत्री प्रशिक्षणार्थी ग्रामीण भारत के किसानों औश्र सरकार के बीच धुरी साबित हो सकते हैं।

                                                                 

इस कार्यक्रम में अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ0 डी. के. सिंह ने बताया कि यह प्रशिक्षण हमारे ग्रामीण युवाओं के लिए स्वरोजगार प्रदान करने के लिए बहुत ही उपयोगी सिद्व होगा। इस योजना के अन्तर्गत भारत में गोवंशी पशुओं में कृत्रिम गर्भाधान तकनीक के माध्यम से अधिक से अधिक पशुओं को लाभ पहुँचाने का प्रयास किया जाएगा। कार्यक्रम की रूपरेखा डॉ0 विजय सिंह, प्राध्यापक मादा पशु रोग एप्रसूति विज्ञान विभाग के द्वारा प्रस्तुत की गई। कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद प्रस्ताव डॉ0 विकास सचान के द्वारा प्रेषित किया गया। कार्यक्रम के आयोजन में डॉ0 राज सिंह, डॉ0 पी. के. सिंह, डॉ0 डी के. सिंह, डॉ0 मनीष शुक्ला, डॉ0 विजय सिंह, डॉ0 विकास सचान, डॉ0 अतुल कुमार वर्मा, डॉ0 अखिल पटेल एवं डॉ0 आशुतोष त्रिपाठी आदि की मुख्य भूमिका रही।