प्रेस विज्ञप्ति Publish Date : 10/04/2024
प्रेस विज्ञप्ति
कल दिनांक 9/4/2024 को स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय, मेरठ के स्नातक गृह विज्ञान (फूड एवं न्यूट्रिशन), परास्नातक फूड एवं न्यूट्रिशन, डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी, प्राणीशास्त्र और जैव प्रौद्योगिकी की छात्राओं का प्रयोगात्मक एवं सैद्वान्तिक जानकरी हेतु मत्स्य प्रदर्शन एवं शोध इकाई, कीट विज्ञान विभाग, मुर्गी पालन, डेयरी एवं कटाई उपरान्त प्रौद्योगिक एवं खाद्य प्रसंस्करण महाविद्यालय में शैक्षिक भ्रमण कराया गया। उपरोक्त इकाई/ महाविद्यालय माननीय कुलपति प्रो0 के0 के0 सिंह, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के मार्गदर्शन एवं कुशल नेतृत्व में कार्य कर रहा है।
मत्स्य प्रदर्शन एवं शोध इकाई पर प्रभारी मत्स्य डा0 डी0 वी0 सिंह, ने मत्स्य प्रजनन, संग्रथित मत्स्य पालन एवं बीज उत्पादन पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होने छात्राओं को संग्रथित मत्स्य पालन में पाली जाने वाली तीन देशी प्रजातियों रोहु, कतला, मृगल तथा तीन विदेशी प्रजातियों सिल्वर कार्प, कॉमन कार्प तथा ग्रास कार्प की पहचान के लक्षण के बारे में बताया। उन्होने बताया कि उपरोक्त छः प्रजातियां एक ही तालाब में 10 हजार फिंगरलिंग का संचय कर मत्स्य पालन कर अधिक लाभ प्राप्त किया जा सकता है।
डा0 सिंह ने कार्प प्रजाति के मछलियों के मत्स्य बीज उत्पादन के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी। उन्होने बताया कि एक किग्रा की एक मछली लगभग 2 से तीन लाख अण्डे तक दे सकती है। इस प्रकार बीज उत्पादन का कार्य भी लाभकारी हो सकता है।
डा0 गजे सिंह, विभागाध्क्ष कीट विज्ञान विभाग ने मधुमक्खी पालन के बारे में विस्तार से बताया। उन्होने मधुमक्खी की प्रमुख प्रजाति के बारे में बताते हुये कहा कि एपिस मेलीफेरा प्रजाति मधुमक्खी पालन करने के लिए सबसे उत्तम प्रजाति है।
डा0 सुरेश चन्द्रा, प्राध्यापक, एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग, कटाई उपरान्त प्रौद्योगिक एवं खाद्य प्रसंस्करण महाविद्यालय ने छात्राओं को कृषि प्रसंस्करण केन्द्र एवं समस्त प्रयोगशालाओं का भ्रमण करा कर इसके बारे में विस्तार से उन्हें जानकारी दी।
यह शैक्षिक भ्रमण डा0 निशा राना, सहायक प्रध्यापक, जन्तु विज्ञान/ रिसर्च एवं डवलपमेंट सेल तथा डा0 स्वाती शर्मा, सहा0 प्रा0, गृह विज्ञान (फूड एवं न्यूट्रिशन) स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय मेरठ के नेतृत्व में कराया गया।
इस अवसर पर डा0 विवेक, अधिष्ठाता कृषि, डा0 गजे सिंह, विभागाध्यक्ष कीट विज्ञान विभाग, आदि भी मौजूद रहे।