मशरुम उत्पादन प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न      Publish Date : 20/03/2024

                    मशरुम उत्पादन प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न

सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मशरूम अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र पर मशरूम निदेशालय सोलन के निर्देश पर अनुसूचित जाति उप-योजना के अंतर्गत आयोजित तीन दिवसीय मशरूम प्रशिक्षण कार्यक्रम दिनाँक 19/03/024 को संपन्न हो गया।

                                                                        

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए निदेशक शोध, प्रोफेसर अनिल सिरोही ने कहा कि प्रशिक्षण के उपरांत मशरूम उत्पादन का काम प्रारंभ करना चाहिए, जिससे लोगों को स्वरोजगार मिल सकेगा और उनकी इनकम भी बढ सक़ेगी।

                                                                     

निदेशक प्रशिक्षण एवं सेवायोजन, प्रोफेसर आर. एस. सेंगर ने अपने सम्बोधन में कहा कि मशरूम की मांग लगातार देश में बढ़ती जा रही है। मशरूम का सबसे अधिक उत्पादन करने वाला देश चीन है। भारत में जनसंख्या तेजी से बढ़ती जा रही है और यहां के लोगों को वेजीटेरियन होने के कारण प्रोटीन की अधिक आवश्यकता होती है।

इसलिए पोषण सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मशरूम का अधिक से अधिक उत्पादन किया जाना चाहिए, जिससे लोगों को आसानी से यह उपलब्ध हो सके और उनका स्वास्थ्य ठीक रह सके। भविष्य में देश में मशरूम की और अधिक मांग बढ़ेगी।

विभाग अध्यक्ष, प्रोफेसर कमल खिलाड़ी ने कहा मशरूम में काफी पौष्टिक गुण होते हैं इसलिए मशरूम का सेवन अधिक से अधिक करना चाहिए।                                                                   

प्रोफेसर डी वी सिंह ने अपने संबोधन में कहा यदि आपको अच्छा मशरूम उत्पादक बनना है तो जुनून के साथ मशरूम उत्पादन का कार्य प्रारंभ करना चाहिए। धीरे-धीरे यदि आप इस क्षेत्र में आगे बढ़ेंगे तो निश्चित रूप से आगे चलकर एक आप अच्छे मशरूम उत्पादक बन सकेंगे।

                                                                          

कार्यक्रम के संयोजक, प्रोफेसर गोपाल सिंह ने कहा की प्रशिक्षण के दौरान मशरूम के खाद्य एवं औषधीय प्रजातियों के उत्पादन तकनीक पर 50 छात्राओं तथा किसानों को प्रशिक्षण दिया गया। इसकी ओयस्टर प्रजाति पर प्रयोगात्मक कार्य भी कराया गया और इसके साथ ही विभिन्न वैज्ञानिकों के द्वारा मशरूम के उत्पादन, व्यवसाय, पोषण सुरक्षा, बायोटेक्नोलॉजिकल उपयोगिता के अलावा मशरूम की एक छोटी यूनिट बनाकर किस प्रकार से व्यवसाय प्रारंभ किया जाए, इस सम्बन्ध में भी संपूर्ण जानकारी इस प्रशिक्षण में प्रदान की गई।

                                                                         

प्रशिक्षण के दौरान कई वैज्ञानिकों ने मशरूम उत्पादन के तकनीकी ज्ञान के बारे में  व्याख्यान दिए।