मछली पकड़ने वाले जाल से निकल रहा कार्बन Publish Date : 30/01/2024
मछली पकड़ने वाले जाल से निकल रहा कार्बन
वैज्ञानिकों ने पहली बार मछली पकड़नें वाले जाल से निकलने वाले कार्बन उत्सर्जन की गणना की है। एक नए अध्ययन के माध्यम से पता चला है कि प्रत्येक वर्ष समुद्र में मछलियों को पकड़ने के लिए फेक जाने वाले जाल से 370 मिलियन टन कार्बन उत्सर्जित हो रहा है। अमेरिका के ओट स्टेट विश्वविद्यालय और नेशनल ज्योग्राफिक के शोधकर्ताओं ने यह पता लगाया है।
शोधकर्ताओं के अनुसार पानी में जाने के बाद जाल समुद्र तल से कार्बन उत्सर्जित करता है और जिसका आधे से अधिक भाग वायुमंडल में छोड़ दिया जाता है। शोधकर्ताओं ने अध्ययन के लिए वर्ष 1996 से 2020 के बीच बॉटम ट्रेलिंग मछली पकड़ने की विधि से निकलने वाले कार्बन उत्सर्जन की गणना की है।
वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया की जाल के कारण समुद्र तल से निकलने वाले कार्बन से वायुमंडल में कुल कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा 8.5 से 9.02 बिलियन टन होगी। वैज्ञानिकों ने जाल को समुद्री वनों की कटाई के रूप में बताया है, जो जलवायु, समाज और अन्य जीवन के लिए खतरनाक है।
ओट स्टेट यूनिवर्सिटी की शोधकर्ता तृषा एट बोर्ड ने बताया कि हम लंबे समय से जानते हैं की मछली पकड़ने के भारी जाल से 10747 जेट के जितने बड़े समुद्री जीवन और आवास भी नष्ट हो जाते हैं। इसलिए उन्होंने निष्कर्ष निकला की जाल से समुद्री जीवन भी नष्ट हो रहा है।