प्लास्टिक के प्रदूषण से बचाने वाली फफूँद      Publish Date : 29/07/2023

                                                प्लास्टिक के प्रदूषण से बचाने वाली फफूँद

                                               

    प्लास्टिक को खाने वाली फफूँद हमारी पृथ्वी को प्लास्टिक के व्यापक प्रदूषण के संकट से मुक्ति प्रदान करने में सहायक सिद्व हो सकती है। श्रीलंका के केलानिया विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के द्वारा यह दावा हाल ही में किए गए शोध के परिणामों के माध्यम से किया गया है।

शोधकर्ताओं के अनुसार, यह फफूँद जंगलों में वृक्षों के नीचे गिरी हुई लकड़ियों के साथ चिपक जाती है। लकडियों के द्वारा वातावरण में कार्बन डाई-ऑक्साईड को उत्सर्जन करेन से पूर्व यह फफूँद लकड़ी के अंदर कार्बन को तोड़ने एवं उसे पचाने के काम को अंजाम देते हैं। लकिन जब उन्हें अपना यह भोजन उपलब्ध नही हो पाता है तो वे प्लास्टिक का भक्षण भी कर सकते हैं। उक्त अध्ययन पीएलओएस वन जर्नल में प्रकाशित किया गया है।

इस अध्ययन के परिणामों के अनुसार व्हाईट रॉट नामक फफूँद लिग्निन को तोड़ सकने में सक्षम है। लिग्निन एक बहुत ही सुदृढ़/मजबूत कार्बनिक पॉलीमर होता है जो लकड़ी को सख्ती प्रदान करता है।

प्लांट पैथोलॉजी की प्रोफेसर और इस अध्ययन की सह-लेखिका रेनुका अतनायके ने बताया कि यदि यह फफूँद लिग्निन जैसे पॉलीमर को खा सकते हैं तो वे अन्य पॉलीमर्स को समाप्त करने में सक्षम हो सकते हैं जैसे कि पॉलीथीन अथव अन्य प्रकार की प्लास्टिक आदि।

वर्तमान में इस बैक्टीरिया की 430 से अधिक प्रजातियाँ उपलब्ध

                                                       

    लंदन स्थित रॉयल बॉटनिकल गार्डन केव के अनुसार प्लास्टिक को नष्ट करने वाले बैक्टीरिया एवं फफूँद की अभी तक 430 से अधिक प्रजातियाँ ज्ञात की जा चुकी हैं।

                                             बुजुर्ग महिलाओं को अल्जाईमर से बचाने में फायदेमंद है योग

                                          

    आयु के बढ़ने के साथ ही हमें अपने स्वास्थ्य के प्रति अतिरक्त सावधानिया्र बरतने की आवश्यकता होती है। विभिन्न प्रकार के व्यायाम, योग एवं ध्यान आदि इस प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं।

    हाल ही में किए गए एक अध्ययन में सामने आया है कि कुंडलिनी नामक योग अल्जाईमर की समस्या का सामना कर रहीं बुजुर्ग महिलाओं को इस व्याधि से बचाने में एक सकारात्मक भूमिका निभा सकता है।

    यूसीएलए सीमल इंस्टीट्यूट फॉर न्यूरोसाइंस एण्ड ह्मूमन बिहेवियर के माध्यम से किए गए इस शोध में यह बात स्पष्ट हुई है। शोध के परिणामों को जर्नल ऑफ अल्जाईमर डिजीज में प्रकाशित किया गया है।

                                           एक बार फिर से उड़ान भरने के लिए तैयार हैं ‘सुपर-सोनिक विमान’

                                            

    नासा के द्वारा एक बार फिर से सुपर-सोनिक विमानों के दौर को वापस लाने की तैयारियाँ की जा रही है। अमेरिका के कैलिफोर्निया में एक्स-59 सुपर-सोनिक विमान बनकर तैयार हो चुका है। यह विमान ध्वनि की गति से भी तेज गति 925 मील प्रति घण्टा की गति से उड़ान भरने के लिए तैयार है। अब यह विमान लंइन से न्यूयॉर्क सिटी तक पहुँचने में चार घण्टे से भी कम समय लेगा।

  • वर्ष 1976 में आरम्भ किए गए कॉनकॉर्ड विमानों के अत्याधिक व्ययशील होने के कारण इन्हें वर्ष 2023 में बन्द कर दिया गया है।

शोर को लेकर किया गया परीक्षण

                                                  

    पहले के सुपर-सोनिक विमान शोर बहुत अधिक करते थे। ऐसे में अब नासा की योजना यह है कि नए विमानों के सोनिक थ्रम्प को कम किया जाना चाहिए, जिससे कि उसका शोर कम किया जा सकें।

                                                       पाँच सेमीकंडक्टर संयंत्र तैयार किए जाएंगे

                                                       

सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ने कहा कि अगले 5-7 वर्षों के दौरान देश में अरबों डॉलर का निवेश होगा।

दुनिया की सुपर पावर बनेगा भारत इस क्षेत्र में

भारत दुनिया की सुपर पावर बनने की राह पर अग्रसर है, सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में। काउंटर पॉइंट रिसर्च एवं इंडिया इलेक्ट्रॉनिक्स एंड सेमीकंडक्टर एसोसिएशन के अनुसार वर्ष 2019 में भारत का सेमीकंडक्टर बाजार 22.7 अरब डॉलर का था और अनुमान लगाया जा रहा है कि वर्ष 2026 तक यह बाजार 64 अरब डॉलर तक का हो जाएगा।

  • देशभर में लगभग 300 से अधिक कॉलेजों में की जा रही रही है सेमीकंडक्टर के विषय पर पढ़ाई।
  • शीघ्र ही देश के सेमीकंडक्टर बाजार के 64 अरब डॉलर से अधिक होने की सम्भावना है।
  • वर्तमान समय में 20 प्रतिशत सेमीकंडक्टर इंजीनियर हैं दुनियाभर में भारतीय मूल के लोग।

सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि आगामी पांच से सात वर्षों के दौरान देश में अरबों डॉलर के निवेश से पाँच चिप विनिर्माण संयंत्र शुरू होने की सम्भावना हैं।

                                                            

    वैष्णव के द्वारा सेमीकॉन इंडिया 2023 सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा गया कि सेमीकंडक्टर एक बुनियादी उद्योग है, जिसका उपयोग दैनिक जीवन कार्यों से जुड़े फ्रिज, टीवी, कार और ट्रेन के जैसे अनेक उत्पादों में किया जाता है। ताइवान की कम्पनी फॉक्सकॉन के चेयरमैन यंग लियू सेमीकॉन इंडिया वर्ष 2023 में कहा कि वह भारत में सेमीकंडक्टर के मसौदे के भविष्य को लेकर काफी आशावादी हैं।

    वहीं यंग लियू ने गुजरात के गान्धीनगर में भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात भी की। लियू ने सेमीकॉन इंडिया सम्मेलन 2023 में भाग लिया था। इसीके दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने माइक्रोन टेक्नोलॉजी के सीईओ से भी मुलाकात की थी।

क्या है सेमीकंडक्टर

                                                    

   करंट को नियन्त्रित करने के लिए सेमीकंडक्टर का उपयोग किया जाता है। यह सिलिकॉन से बनाये जाते हैं जो चिप की फार्म में होते हैं।

    भारत अपनी सेमीकंडक्टर की आवश्यकताओं की पूर्ति ताइवान, चीन, अमेरिका और अनय यूरोपीय देशों से पूरी करता है।

उद्योगों की निर्भता में भी बढ़ोत्तरी होगी-

    लंदन की कंस्लटिंग कम्पनी डिलॉयट के अनुसार भारत के सेमीकंडक्टर बाजार के ऊपर कम से कम तीन उद्योग 60 प्रतिशत तक निर्भर करेंगे।

उन्नति के लिए बढ़ते हुए कदम

1.   भारत सरकार ने अपने सेमीकंडक्टर मिशन के अन्तर्गत 10 अरब डॉलर का विेश किया है।

2.   वर्ष 2021 के बजट में इस क्षेत्र के लिए 71 हजार करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया था।

3.   दुनिया की पाँच कम्पनियों के माध्यम से 02 लाख करोड़ रूपये के निवेश का प्रस्ताव आया।

4.   देश में अपनी कम्पनी को आरम्भ करने वाली कम्पनियों को 1.7 अरब डॉलर का सहयोग प्रदान किया जायेगा।