प्रदूषण की निरंतर बढ़ती हुई मार Publish Date : 26/09/2024
प्रदूषण की निरंतर बढ़ती हुई मार
प्रोफेसर आर. एस. सेंगर एवं रेशु चौधरी
वर्तमान समय में केवल भारत ही नही अपितु पूरी दुनिया भी निरंतर बढ़ते हुए प्रदूषण से जूझ रही है और यह इस युग की सबसे बड़ी समस्या बनी हुई है। प्रदूषण के चलते ही लोगों का स्वास्थ्य दिन प्रतिदिन बिगड़ता जा रहा है और पूरी दुनिया इस समस्या का समाधान तलाश करने में एक जुट हो चुकी है।
ऐसे में अगर बात की जाए पेड़-पौधों के बारे में तो हमारे आसपास ही कुछ ऐसे पेड़-पौधे मौजूद है जो कि वायु प्रदूषण को कम करने के साथ ही कुछ जहरीली गैंसों जैसे कि र्फोल्डिहाइड, बैंजीन, कार्बन डाई-ऑक्साइड और कार्बन मोनो ऑक्साइड आदि का अवशोषण कर हमारे वातावरण को शुद्व बनाते हैं। हमारे कृषि वैज्ञानिक सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के प्रोफेसर आर. एस. सेंगर बता रहे हैं ऐसे ही कुछ पौधें और उनके गुणों के विषय में-
एरिका पामः- इस पौधे को लिविंग रूम प्लांट के नाम से भी जाना जाता है। यह पौधा वायु से र्फोल्डिहाइड, बैंजीन, कार्बन डाई-ऑक्साइड और कार्बन मोनो ऑक्साइड के जैसी जहरीली गैसों, पेंट की गंध, धूल के सूक्ष्म कणों हमारी किचन से निकली तंलयुक्त गंदगी को अवशोषित कर लेता है।
इसके साथ इस प्लांट की अधिक देखभाल करने की आवश्यकता भी नही होती है। अतः इस प्लांट को बेस्ट इंडोर एयर प्यूरीफॉयर प्लांट्स में से एक माना जाता है।
स्नेक प्लांटः- इस प्लांट को मदर इन लॉ टंग अथवा बेडरूम प्लांट के नाम से भी जाना जाता है। इसके पौधें में अधिक से अधिक कार्बन डाई-ऑक्साइड को ऑक्सीजन में परिवर्तित करने की क्षमता विद्यमान होती है।
इस पौधें को भी किसी प्रकार की कोई विशेष देखभाल करने की जरूरत नही होती है। इसके साथ ही इसकी एक और विशेषता यह होती है कि यह पौधा 100 से अधिक कैमिकल्स का अवशोषण कर सकता है।
मनी प्लांटः- आम लोगों में इस प्लांट के बारे में धारणा यह है कि इस प्लांट को घर में गलाने से धन-धान्य एवं समृद्वि बढ़ती है हालांकि इस बात के कोई वैज्ञानिक साक्ष्य उपलब्ध नही हैं। इसके साथ ही इस प्लांट की विशेषता यह है कि यह वायु में उपलब्ध विषैले रसायनों का अवशोषण कर वायु का शुद्विकरण करता है, जिसके चलते हम सभी लोग स्वस्थ रहते हैं।
मनी प्लांट को छायादार एवं नम स्थान पर लगाना चाहिए। वैसे यह पौधा कम रोशनी में भी अच्छी बढ़त प्राप्त कर लेता है।
पीस लिलीः- वायु प्रदूषण को कम करने में पीस लिली का कोई सानी नही है।यह प्लांट कार्बन मोनो ऑक्साइड, फार्मेल्डीहाइड तथा बैंजीन के जैसी वायु में उपलब्ध जहरीली गैसों का अवशोषण कर हमारे वातावरण को शुद्व बनाता है।
यह पौधा धूल के कणों को कम करने के साथ ही ऑक्सीजन गैस भी अधिक मात्रा में प्रदान करता है और इसके प्रभाव से हमारे घर की वायु भी काफी हद तक शुद्व हो जाती है।
रबर प्लांटः- रबर का प्लांट भी वायु में उपस्थित विषैले कणों को दूर करते हुए वायु को शुद्व बनाता है। हालांकि यह प्लांट बहुत धीमी गति से ग्रो करता है। इसके साथ ही इस प्लांट को पानी की आवश्यकता बहुत कम होती है और कई हफ्तों तक यह बिना पानी के भी सर्वाइव कर सकता है।
हालांकि, यह सभी पौधें वायु प्रदूषण को लेकर बहुत ही अच्छे हैं, परन्तु सामान्य तौर पर यह विषैली प्रकृति के होते हैं और वैसे भी हमें जितनी ऑक्सीजन और शुद्व वायु की आवश्यकता होती है वह उतनी मात्रा में हमारे चारों ओर सदैव ही उपलब्ध रहती है।
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।