मौसम की मार

                                          मौसम की मार

                                                                                                                                                                                           डॉ0 आर. एस. सेंगर

इन दिनों भारत का मौसम एक चिंता का विषय बना हुआ है। मौरसम के मिजाज में बड़ा अन्तर साफतौर पर देखा जा रहा है। इस समय कहीं भयानक लू चल रही हैं तो कहीं वर्षा के चलते जन जीवन प्रभावित हो रहा है। जबकि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में तो अस्थिर प्रकार का मौसम चल रहा है, जिसके अन्तर्गत कभी व्यापक गर्मी का अहसास तो कभी राहत कह कुछ फुहारें आर्थिक राजधानी मुम्बई का भी यही हाल है।.

                                                                        

देश के कुछ हिस्सों में तापमान पिछले एक दशक के रिकार्ड तोड़ने जा रहा है तो कहीं बारिश राहत बनकर भी बरस रही है। भारत के मौसम विभाग ने बताया कि उत्त्र भारत के कुछ राज्यों में अगले कुछ दिनों में गर्मी का गम्भीर अहसास होगा। दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान आदि राज्यों के लिए तो ऑरेंज अलर्ट भी जारी कर दिया गया है जिसका अर्थ यह कि कमजोर स्वास्थ्य वाले लोगों को विशेष रूप से सावधान रहने की आवश्यकता होगी।

इसके साथ ही ऐसे लोग जो स्वयं केत्रो बदलते मौसम में कमजोर महसूस करते हैं अथवा पहले से ही अस्वस्थ हैं, इन लोगों को भी गर्मी से बचने के अतिरिक्त उपाय करने होंगे और जो लाग स्वस्थ हैं उन्हें भी धूप से बचने के लिए प्रबन्ध करने के साथ ही अपने घरों से निकलना होगा।

भारतीय मौसम विभाग ने चेताया है कि उत्तर-पश्चिम भारत में अगले कुछ दिनों तक भारी उमस की स्थिति बनी रहेगी। साथ ही राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का तामान 45 डिग्री तक जा सकता है। अतः पुनः आगाह किया जाता है कि जो लोग कड़ी मेहनत करते हैं या धूप में अधिक समय तक रहते हैं, उन लोगों को गर्मी से सम्बन्धित बीमारियों का खतरा भी अधिक रहेगा।

वर्तमान समय में उत्तर प्रदेश तथा बिहार में पारा सामानय से काफी उपर चल रहा है, जिसका प्रभाव घर से लेकर खेत तक बिलकुल साफ नजर आ रहा है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, अभी अगले कुछ और दिनों तक गर्मी का कहर जारी रहने वाला है, जो समय के साथ कुछ विशष स्थानों पर इसमें वृद्वि भी हो सकती है। इसके साथ ही झारखण्ड़, पश्चिम बंगाल और ओडिशा आदि राज्यों के निवासियों को भी चेतावनी दी गई है। हालांकि कुछ स्थानों पर बारिश हो सकती है परन्तु भाीरत के अधिकतर इलाके बारिश के लिए तरसते ही रहेंगे।

                                                        

इस बीच गर्म हवाओं के स्तर में भी कमी दर्ज की गई है, जिसके कारण धरती की तपिस बढ़ रही है। आईएमडी के निदेशक एम. महापात्रा के द्वारा बताया बताया कि  सप्ताह अधिक गर्मी रहने के आसार हैं।हालांकि भारतीय मौसम विभाग के द्वारा मई के महीने में सामान्य से अधिक तापमान के अधिक रहने की भविश्यवाणी पूर्व में ही की जा चुक थी।

चिंता तो यह भी जताई जा रही है कि बढ़ते तापमान का प्रभाव चुनाव एवं मतदान पर भी व्यापक रूप से पड़ना तय माना जा रहा है। मतदान का प्रतिशत अब भी चिंता एक विषय बना हुआ है। लोगों की आसानी के लिए चुनाव आयोग को मतदान केन्द्रों पर भी विशेष प्रबन्ध करने पड़ सकते हैं, जिससे कि दूर से मतदान करने आया हुआ व्यक्ति प्रतिकूल मौसम के चलते परेशान न हों। वैसे भी शारीरिक रूप से कमजोर व्यक्तियो के लिए यह सलाह दी गई है कि ऐसे व्यक्ति अपना मतदान सवेरे के समय ही कर दें।

इसके सम्बन्ध में एक बात यह भी कही जा रही है कि मौसम के हालातों को देखते हुए मतादन के निर्धारित समय में सुबह और शाम के समय में कुछ परिवर्तन भी किया जा सकता है। यहद ऐसा सम्भव है तो लोगों को मतदान केन्द्रो लाने में सुविधा होगी। हालांकि यह एक राहत बी बात है कि चुनाव के चार प्रमुख एवं बड़े चरण पूर्ण हो चुके हैं। अब दक्षिण भारत में भी मतदान सम्पन्न हो चुका है के अनेक क्षेत्रों में गरज के साथ बारिश भी हो रही है।

ऐसे में यदि मानसून की बात की जाए तो गत रविरा तक यह दक्षिण अंडमान सागर, बंगाल की खाड़ी और निकोबार क्ष्ीपसमूह में प्रवेश कर सकता है। हालांकि यह भी एक विडम्बना है कि मौसम विभाग के द्वारा तमिलनाडु के लिए बाढ़ की चेतावनी भी जारी कर दी गई है। यह सम्भवतः हमारे देश की एक भौगोलिक विशेषता ही है कि जब उत्तर भारत गर्मी से तप रहा होगा, उस समय दक्षिण भारत के साथ ही पूर्वोत्तर भारत भी झमाझम भीग रहा होगा।

 

लेखकः प्रोफेसर आर. एस. सेंगर, निदेशक प्रशिक्षण, सेवायोजन एवं विभागाध्यक्ष प्लां0ट बायोटेक्नोलॉजी संभाग, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्व0विद्यालय मेरठ।