मौसम में उतार चढ़ाव      Publish Date : 22/05/2024

                                  मौसम में उतार चढ़ाव

                                                                                                                                                                                    डॉ0 आर. एस. सेंगर

भारत में आजकल मौसम एक चिंतनीय विषय बना हुआ है। मौसम में काफी उतार चढ़ाव भी देखने का मिल रहे हैं। ऐसे में कहीं भयानक लू चल रही है तो कहीं वर्षा के चलते आम जीवन प्रभावित हो रहा है। दिल्ली में तो पूरी तरह से ही अस्थिर किस्म का मौसम चल रहा है, जिसके अन्तर्गत कभी भयानक गर्मी तो कभी राहत की कुछ फुहारें और लगभग यही हाल मुम्बई का भी चल रहा है। किसी स्थान पर तापमान अपना एक दशक पुराना रिकार्ड तोड़़ रहा है तो कहीं बारिश राहत बनकर बरस रही है।

                                                                     

देश के मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, आने वाले कुछ दिनों में उत्तर भारत में लोगों को गरमी का गम्भीर अहसास होगा। इस दौरान दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान आदि राज्यों के लिए ऑरैंज अलर्ट भी जारी कर दिया गया है, जिसका अर्थ यह है कि विशेष रूप से कमजोर स्वास्थ्य वाले व्यक्तियों को अधिक सावधान रहना होगा। इनमें से जो लोग बदलते मौसम में कमजोरी का अनुभव करते हैं अथवा जो पहले से अस्वस्थ हैं उन्हें अपने बचाव के उपाय अधिक एववं गम्भीर रूप से करने होंगे। इसके साथ ही जो पूर्ण रूप से स्वस्थ हैं उन्हें भी धूंप से बचाव के सभी उपयों को करने के बाद ही घर से निकलने की चेतावनी दी गई है।

    इसके साथ ही मौसम विभाग ने बताया है कि उत्तर-पश्चिम भारत में आने वाले पाँच दिनों तक उमस भरी स्थिति के रहने का अनुमान है। ऐसी स्थिति में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में तापमान 15 डिग्री के आसपास तक पहुँच सकता है। अतः ऐसे में लोगों को पुनः सचेत किया जाता है कि जो लोग कड़ी मेहनत करते हैं अथवा धूंप में अधिक समय व्यतीत करते हैं, ऐसे लोगों को गरमी से सम्बन्धित बीमारियों का खतरा अधिक हो सकता है।

                                                                             

इस समय उत्तर प्रदेश के साथ ही बिहार में भी पारा सामान्य से ऊपर चल रहा है, जिसका प्रभाव घरों से लेकर खेतों तक बिलकुल स्पष्ट नजर आ रहा है। मौसम विशेषज्ञों का अनुमान है कि आने वाले कुछ दिनों तक गरमी का कहर अभी जारी ही रहेगा, जबकि कुछ स्थानों पर समय के साथ ही यह बढ़ भी सकता है। इसी के अन्तर्गत झारखंड, पश्चिम बंगाल एवं ओडिशा के निवासियों को भी चेताया गया है।

                                                                           

हालांकि, इस दौरान कुंछ स्थानों पर वर्षा की सम्ज्ञाावनाएं भी हैं यह बात और है कि अधिकतर भारतीय भाग वर्षा के लिए तरसते ही नजर आने वाले हैं। गरम हवाओं के स्तर में कमी आने के चलते भी धरती तपन में बढ़ोत्तरी दर्ज की जा रही है। इस दौरान आईएमडी के महानिदेशक एम महापात्रा ने बताया कि आगामी सात दिनों तक गरमी में राहत की काई उम्मीद नजर नही आ रही है। इसी के सापेक्ष ध्यान देने वाली बात यह भी है कि मौसम विज्ञान विभाग के द्वारा मई के महीने में तापमान सामान्य से अधिक रहने की घोषणा पहले ही की जा चुकी थी।

इस सब में चिंता की एक बड़ी वजह यह भी है कि बढ़ते तापमान का प्रभाव चुनाव बौश्र मतदान पर भी पड़ना तय माना जा रहा है। ऐसे में मतदान का प्रतिशत भी चर्चाओं का एक बड़ा विषय बना हुआ है। गर्मी के चलते चुनाव आयोग के द्वारा भी मतदान केन्द्रों पर कुढ विशेष प्रबन्ध भी करने पड़ सकते हैं, जिससे कि दूर सथान से मतदान करने आया कोई व्यक्ति मौसम की गरमी के चलते परेशान न हो। इस सबमें यही कहा जा सकता है कि जो लोग शारीरिक रूप से कमजोर हैं, उन्हें अपना मतदान प्रातः काल या फिर शाम के समय कर देना ही उचित रहेगा।

                                                                             

ऐसे में सवाल यह है कि क्या प्रातः काल और शाम के समय होने वाले मतदान के समय में कुछ संशोधन किया जा सकता है? यदि इस प्रकार का कोई प्रयास सम्भव हो पाता है तो निश्चित रूप से मतदान केन्द्रों तक अधिक मतदाताओं को लाना सम्भव हो सकेगा। हालांकि यह एक अच्छी बात है कि चुनाव के चार प्रमुख और बड़े चरण सम्पन्न हो चुके हैं। दक्षिण भारत में जहां गरज के बारिश हो रही है वहां चुनाव प्रक्रिया सम्पन्न हो चुकी है।

फिलहाल मानसून के रविवार को दक्षिण अंडमान सागर, बंगाल की खाड़ी के कुछ भागों और निकोबार द्वीप समूह में प्रवेश कर लाने की सम्भावनाएं व्यक्त की जा रही है। विडम्बना यह है कि मौसम विज्ञान विभाग के द्वारा तमिलनाडु के लिए बाढ़ की चेतावनी भी जारी कर दी गई है। सम्भवतः यह हमारे देश के भूगोल की की ही विशेषता है कि जिस समय उत्तर भारम तप रहा होगा, उस समय दक्षिण भारत के समेत पूर्वोत्तर भारत भी झमाझम बारिश से नहा रहा होगा।

लेखकः प्रोफेसर आर. एस. सेंगर, निदेशक प्रशिक्षण, सेवायोजन एवं विभागाध्यक्ष प्लांट बायोटेक्नोलॉजी संभाग, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।