बीज को अच्छा और अंकुरण की दर बढ़ाने के लिए कोटिंग      Publish Date : 26/04/2025

बीज को अच्छा और अंकुरण की दर बढ़ाने के लिए कोटिंग

                                                                                                             प्रोफेसर आर. एस. सेंगर एवं डॉ0 कृशानु

जब भी किसी फसल के उत्पादन को बढ़ाने की बात की जाती है तो उस सूचि में सबसे पहला नाम अच्छे बीज का आता है। एक छोटा सा बीज अच्छी फसल की पूरी उम्मीद समेट हुए रहता है, क्योंकि जितना अच्छा बीज होगा उतना ही अच्छा उत्पादन भी प्राप्त होगा। बीज का बोना केवल उन्हें मिट्टी में रखने की प्रक्रिया मात्र से ही नहीं होता, बल्कि यह एक नए फसल चक्र की शुरुआत भी करता है।

भंडारण और परिवहन के दौरान गर्मी, नमी, कीट और फफूंद बीजों को नुकसान पहुंचाते हैं। इससे बीजों की अंकुरण दर और उपज पर भी कुप्रभाव पड़ता है। विभिन्न अध्ययनों में पाया गया है कि उच्च गुणवत्ता वाले बीज 20 प्रतिशत तक पैदावार बढ़ा सकते हैं।

                                           

बीजों की गुणवत्ता के उचित स्तर को बनाए रखने के लिए उन पर पोषक तत्वों, कीटनाशकों, फफूंदनाशक दवा या लाभकारी सूक्ष्मजीवों की परत चढ़ाई जाती है। इससे बीजों की क्षमता और उनकी अंकुरण दर बढ़ जाती है। यह कार्य बहुत तेजी के साथ कई कंपनियां पॉलीमर कोटिंग से बीज को दमदार बनाकर मार्केट में उतार रही है और आशा है कि आने वाले समय में पॉलीमर कोटिंग के बीज किसानों तक आसानी से पहुंच सकेंगे।

क्या है यह पॉलीमर कोटिंग की तकनीक

बीजो की कोटिंग करने के लिए विशेष पॉलीमर का उपयोग किया जाता है जो लाभकारी सूक्ष्मजीवों पोषक तत्वों और सुरक्षित रसायनों को सीधे पौधों को उपलब्ध कराते हैं। बीज कोटिंग पॉलीमर कई प्रकार से उपयोगी है। पौधों के अंकुरण एवं वृद्धि बीजों को हैंडलिंग भंडारण बीज उपजाऊ क्षमता में सुधार और बीजों को हवा, नमी और धूल जैसे तनाव से बचाने में कोटिंग बेहद उपयोगी है। इस प्रकार यदि बीज पर कोटिंग लगी हो तो इस बीज का प्रभाव भी बेहतर ही होता है।

पॉलीमर की परत के बीजों के लिए क्या है लाभ

  • पॉलीमर कोटिंग बीजों के तेज और सामान अंकुरण को बढ़ावा देती है। यह बीजों की गुणवत्ता अंकुरण दर और भंडारण क्षमता को बेहतर बनाने में भी सहायक सिद्व होती है।
  • इससे स्वास्थ्य और मजबूत पौधों का विकास होता है। फफूंद, बैक्टीरिया, कीट एवं रोगों से कम नुकसान होता है।
  • बीजों का सुरक्षित भंडारण और 5 से 10 प्रतिशत तक अधिक अंकुरण दर प्राप्त की जा सकती है। पॉलीकोटिंग का उपयोग सभी कृषि और बागवानी फसलों के लिए किया जा सकता है।

बीजों के लिए कैसी-कैसी कोटिंग उपलब्ध

फिल्म की कोटिंग

बीजों पर पतली परत चढ़ाई जाती है, जिसमें पॉलीमर, प्लास्टिसाइजर और रंग, द्रव आदि शामिल होते हैं।

एनकरसिटग करना

बीजों पर एक विशेष पत्र चढ़ाया जाता हैं जिससे बीजों की बुवाई और उसकी हैंडलिंग आसान हो जाती है।

पेलेटिंग करना

इसमें बीज का आकार बढ़ाने और उसे एक समान अवस्था में बदलने के लिए कोटिंग की कई परतें चढ़ाई जाती है।

पॉलीमर कोटिंग करना

इसमें रंगीन पॉलीमर और रसायनों की कोटिंग से बीजों की सुरक्षा और क्षमता को बढ़ाया जाता है, जिससे बीजों में मिलावट न की जा सके और उनको आसानी पहचान की जा सके, कि यह बीज किस संस्थान के द्वारा जारी किया गया है।

फफूंदीनाशक मिलकर करें बीजों की कोटिंग

पॉलीकोट का उपयोग करके बीजों की कोटिंग की जा सकती है प्रति किलो बीजों पर कोटिंग करने के लिए 3 ग्राम पालीकोट को 5 मिली लीटर पानी में मिलाकर कोटिंग करने के लिए उपयोग किया जा सकता है।

सुरक्षित मात्रा में फफूंदी नाशक जैसे कार्बेन्डाजिम या अन्य कीटनाशक जैसे इमिडाक्लोप्रिड आदि मिलाए जाते हैं जिससे बीज को कीट और फफूंद आदि के आक्रमण से बचाए जा सके।

इस मिश्रण को बीजों पर डालकर अच्छी तरह से हिलाये ताकि बीज पर कोटिंग की एक समान चपरत चढ़ जाए और इसके बाद बीजों को छाया में सुखाकर ठंडे एवं सूखे स्थान पर स्टोर करें।

बीजों को दमदार बनाने और उनकी लाइफ को बढ़ाने के लिए यह तकनीकी काफी लोकप्रिय हो रही है और आने वाले समय में निश्चित रूप से कहा जा सकता है कि यह तकनीक एक छोटे से बीज, जिसमें जीवन की पूरी उम्मीदें सिमटी हुई रहती है, उसको नया रूप मिल सकेगा और आने वाले समय में यह तकनीक देश की उत्पादकता को बढ़ाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकेगी।

लेखकः प्रोफेसर आर. एस. सेंगर, निदेशक प्रशिक्षण, सेवायोजन एवं विभागाध्यक्ष प्लांट बायोटेक्नोलॉजी संभाग, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।