
उर्वरकों के बिना अच्छी फसल प्राप्त करने के जैविक विधि Publish Date : 24/05/2025
उर्वरकों के बिना अच्छी फसल प्राप्त करने के जैविक विधि
“ब्रिटिश वैज्ञानिकों के द्वारा विकसित की गई नई जैविक प्रक्रिया”
ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने एक ऐसी जैविक प्रक्रिया विकसित की है, जिससे भविष्य में कम रासायनिक उर्वरकों की आवश्यकता वाली फसलें उगाना संभव हो सकेगा।
नॉरफॉक काउंटी के नॉरविच शहर के जॉन इन्स सेंटर के वैज्ञानिकों ने इस प्रक्रिया की खोज की है, जिससे पौधों की जड़े मिट्टी के सूक्ष्मजीवों के लिए ज्यादा आकर्षक बन जाती है। यह सूक्ष्मजीव पौधों के लिए महत्वपूर्ण होते हैं और मिट्टी से पोषक तत्व खींचकर पौधों को देते हैं। नया शोध कम नाइट्रेट और फॉस्फेट उर्वरकों की जरूरत वाली फसलों को विकसित करने का रास्ता खोलता है।
शोध के अनुसार कुछ पौधों में एक विशेष जीन म्यूटेशन होता है, जो उन्हें मिट्टी में मौजूद लाभकारी बैक्टीरिया और कवक के साथ बेहतर साझेदारी करने में मदद करता है। यह सूक्ष्मजीव पौधों को नाइट्रोजन व फास्फोरस जैसे आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करते हैं, जिससे उनकी वृद्धि बेहतर होती है।
गेंहू की पैदावार में होंगे क्रांतिकारी बदलाव
शोध के दौरान लेग्यूम मेडिकागो ट्रंकटूला नामक एक फली के पौधे में इस जीन म्यूटेशन की पहचान की गई और बाद में गेहूं में भी इसी तरह के परिवर्तन देखे गए। यह खोज विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि गेहूं एक प्रमुख खाद्य फसल है। इस खोज के बाद, वैज्ञानिक गैर-जीएम (गैर-आनुवंशिक रूप से संशोधित) गेहूं की ऐसी किस्में विकसित करने में सक्षम होंगे, जो मिट्टी के सूक्ष्मजीवों की मदद से आवश्यक पोषक तत्व प्राप्त कर सकेंगी और उन्हें कम उर्वरकों की आवश्यकता होगी।