अब ऑनलाइन बिक रहा है गन्ना      Publish Date : 23/01/2025

                          अब ऑनलाइन बिक रहा है गन्ना

किसानों को मिल रहा है 3500 रूपये प्रति क्विंटल का भाव

गन्ना किसानों को भले ही गन्ना मिलों से गन्ने का अधिकतम दाम 370 रूपये प्रति क्विंटल का मिल रहा हो, लेकिन अब गन्ना ऑनलाइन भी बिक रहा है और यहाँ गन्ने का भाव किसानों को 3500 रूपये प्रति क्विंटल तक मिल रहा है। किसानों से गन्ना खरीदने के लिए कंपनियों के प्रतिनिधि स्वयं ही सम्पर्क कर रहे है जो मीठे और सफेद गन्ने की माँग अधिक कर रहे हैं।

                                                                    

ऑनलाइन खाद्य सामग्री को बेचने वाली कोई एक ही कंपनी नही है, बल्कि वर्तमान में दस से अधिक कंपनियों ने ऑनलाइन गन्ना बेचना शुरू कर दिया है। यह कंपनियां किसानों से गन्ना खरीद करने के बाद गन्ने की धुलाई कर और उसके छोटे-छोटे टुकड़े कर इन्हें पैकेट में बंद करके बेच रही हैं। ऐसे में कोई कंपनी गन्ने के एक किलोग्राम तो कुछ कंपनिया गन्ने के आधा किलोग्राम के पैकेट बनाकर बेच रही हैं। सबसे बड़ी बात तो यह है कि गन्ने के एक किलोग्राम का पैकेट फिलहाल 35 रूपये का बिक रहा है।

इसमें भी यदि गन्ने को छीलने के बाद इसे छोटे -छोटे टुकड़ों में काटकर पैकेट बंद करके बेचा जाए तो इसका भाव 50 रूपये प्रति किलोग्राम तक है। इस प्रकार से यदि एक क्विंटल गन्ने की बात करें तो यह कम से कम 3500 रूपये प्रति किलोग्राम तक ऑनलाइन माध्यम से बिक रहा है।

 

अभी अधिकतर कंपनियां गन्ने को ऑनलाइन दिलली, नोयड़ा, गाजियाबाद, गुरूग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत, चंडीगढ़ और पंचकुला अन्य स्थानों पर ही गन्ना बेच रही हैं। हालांकि छोटे शहरों का पिन कोड डालने पर वहां डिलीवरी के लिए मना कर दिया जाता है।

गन्ने को ऑनलाइन बेचने के लिए गन्ने की रसदार, सफेद और नरम प्रजातियों को ही यह कंपनियां खरीद रही हैं। सबसे अधिक ऑनलाइन बिकने वाली गन्ने की प्रजातियां कोशा-238, 15023, सीओएस-0117, सीओएसई-14201 की अधिक माँग है। इनकी कीमत गन्ने की क्वालिटी को देखने बाद तय की जाती है। लेकिन यह भी सत्य है कि शुगर मिलों की अपेक्षा यह ऑनलाइन कंपनियां दो से तीन गुना अधिक दामों तक में गन्ने की खरीद कर रही हैं।

कंपनियां अपने स्तर पर सीधे गन्ना किसानों से सम्पर्क कर गन्ने की खरीद कर रही हैं। इसमें गन्ना विभाग का कोई हस्तक्षेप नही है और अपने आप ही दाम तय करती हैं। ऐसे में किसान स्वयं इन कंपनियों को अपना गन्ना बेच सकते हैं।

                                                                                                                                                            -जिला गन्ना अधिकारी।