खरपतवार से छुटकारा पाने के उपाय      Publish Date : 26/01/2025

                      खरपतवार से छुटकारा पाने के उपाय

                                                                                                                                    प्रोफेसर आर. एस. सेंगर एवं डॉ0 रेशु चौधरी

खरपतवार, किसानों के लिए एक बहुंत बड़ी चुनौति होती है। खरपतवार वह अनचाहे पौधे होते हैं जो फसलीय पौधों के साथ पोयाक तत्वों, पानी और प्रकारश को लेकर प्रतिस्पर्धा करते हैं और इससे फसल की वृद्वि और उत्पादन प्रभावित होता है। ऐसे में किसान खरपतवार के नियंत्रण के लिए विभिन्न प्रकार के रासायनिक खरपतवारनाशकों का प्रयोग करते हैं। हालांकि इन रसायनों का उपयोग करते समय अपेक्षित सावधनियां बरतना बहुत ही आवश्यक होता है। खरपतवारनाशकों का अल्याधिक या अनुचित प्रयोग करने से मिट्ठी और जल प्रदूषण के बढ़ने के साथ ही फसलों और मानव के स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुँच सकता है। अतः खरपवार के नियंत्रण के लिए किसानों को जैविक तरीकों जैसे खेतों की जुताई, खरपतवार के पौधों को हाथ से निकालना और फसल चक्र जैसे तरीकों भी अपनाना चाहिए।

                                                              

सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मोदीपुरम, मेरठ के प्रोफेसर राकेश सिंह सेंगर के अनुसार, खरपतवार फसलों के लिए एक बहुत बड़ी एवं व्यापक समस्या है। डॉ0 सेंगर ने बताया कि खरपतवार को नियंत्रित करने के लिए किसानों को फसल बुवाई के 35 से 40 दिनों के बाद खरपतवारनाशक रसायनों का छिड़काव करना चाहिए। गेहूँ की फसल में विशेष रूप से चौड़ी पत्ती वाले और संकरी पत्ती वाले खरपतवार अधिकता से पाए जाते हैं और इनसे फसलों को काफी नुकसान होता है। सही समय और सही तरीके से खरपतवार नियंत्रण करने से किसानों की फसलों के उत्पादन में वृद्वि हो सकती है।

गेहूँ की अगती फसल में न करें यह गलती

आमतौर पर किसान अपनी गेहूँ की फ।सल में खरपतवार को नियंत्रित करने के लिए खरपतवार नाशक रसायनों का प्रयोग करते हैं। हालांकि, कई बार ऐसा होता है कि पहले छिड़काव के बाद भी खेत से खरपतवार पूरी तरह से समाप्त नही होते हैं, इस स्थिति के चलते किसानों को दोबारा से रसायनों का छिड़काव करना पड़ता है। वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि गेहूँ की फसल जब 60 से 70 दिन की हो जाए तो उसमें किसी भी प्रकार के खरपतवार नाशक रसायसनों का प्रयोग नही करना चाहिए। इस समय किया गया खरपतवार नाशक रसायनों का छिड़काव गेहूँ के पौधों की वृद्वि को भी प्रभावित कर फसल के उत्पादन को भी प्रभावित कर सकता है। इसके साथ ही यह रसायन गेहूँ की बालियों को भी नुकसान पहुँचा सकते हैं।

खरपतवार नष्ट करने की विधि

                                                      

यदि आपकी गेहूँ की फसल में भी खरपतवार तेजी से बढ़ रहे हैं और यह फसल के पौधों पर हावी होने लगे हैं तो इन्हें दूर करना बहुत जरूरी हो जाता है। आमतौर पर गेहूँ की फसल से खरपतवार को हटाने के लिए रासायनिक पदार्थों का प्रयोग करने से बचना चाहिए। खरपतवार के नियंत्रण के लिए किसानों को हाथ से खेत की निराई-गुड़ाई करते हुए इन्हें हटाना चाहिए। इसके साथ ही दरांती के उपयोग कर खरपतवार को काटा भी जा सकता है। इस तरीके से खरपतवार को हटाने से फसल के पौधों को न केवल पूरा पोषण प्राप्त होगा बल्कि फसल की पैदावार में भी वृद्वि होती है और  यह तरीका पर्यावरण के लिए भी पूरी तरह से सुरक्षित रहता है।

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल   कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।