सर्दी के मौसम में उत्पादन बढ़ाने के लिए गेहूं की फसल की देखभल के तरीके Publish Date : 04/01/2025
सर्दी के मौसम में उत्पादन बढ़ाने के लिए गेहूं की फसल की देखभल के तरीके
प्रोफेसर आर. एस. सेंगर एवं डॉ0 कृशानु
किसान भाईयों, जैसा कि आप लोग जानते ही हैं कि इन दिनों उत्तर भरत में तापमान काफी कम चल रहा है। दिनभर कोहा और बादल छाए रहने के चलते धूप के दर्शन भी नही हो पा रहे हैं, जिससे मिट्टी का तापमान भी अब काफी कम हो चुका है। मिट्टी का तापमान कम होने के कारण भूमि में पौधों की जड़ों की सक्रियता कम हो जाती है और जड़ें पोषक तत्वों का अवशोषण सही तरीके से नही कर पाती हैं। हालांकि, अभी तक गेहूं की फसल हरी-भरी और स्वस्थ्य दिखाई दे रही है, परन्तु यदि तापमान लम्बे समय तक लगातार इस प्रकार से ही कम बना रहा, तो इससे गेहूं की पत्तियों के पीली पड़ने से उत्पादन में गिरावट आने की सम्भावनाएं बढ़ जाती है।
.इस स्थिति से निपटने के लिए किसानों को पोषक तत्वों की उचित मात्रा, और सही विधि से आपूर्ति करनी चाहिए, जिससे उनकी फसल की वृद्वि और उसकी उत्पादकता सही रहें।
मौसम का प्रभाव एवं फसल की स्थिति
अधिक ठंड़, कोहरा और पाला के गिरने से मिट्टी ठड़ी हो जाती है, जिससे फसल की जड़ों की कार्यक्षमता प्रभावित होती है। इस मौसम में पौधों की जड़े पोषक तत्वों का अवशोषण करने में कठिनाई का अनुभव करती हैं, जबकि पौधों की पत्तियां इस मौसम में सक्रिय बनी रहती हैं और वह प्रकाश संश्लेषण की प्रकिया को जारी रखती हैं। यह बात अलग है कि लम्बे समय तक तापमान के कम बने रहने के चलते गेहूं की पत्तियों की यह प्रक्रिया उत्पादन को भी प्रभावित हो सकती है और इस स्थिति में सिंचाई करके मिट्टी के तापमान को बढ़ाया जा सकता है।
इस प्रकार यदि किसान भाई, अपनी गेहूं की फसल की उचित देखभाल और सिंचाई एवं स्प्रे आदि का प्रबन्धन सही तरीके से करते हैं तो वह अपनी फसल को पीलेपन की समस्या, सर्दी के मौस्म में जड़ों की सक्रियता और उत्पादन में कमी आदि समस्याओं से निजात पाकर गेहूं का अच्छा उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं।
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।