गेंहूँ में अच्छे फुटाव और कल्लों के लिए स्प्रे Publish Date : 22/12/2024
गेंहूँ में अच्छे फुटाव और कल्लों के लिए स्प्रे
प्रोफेसर आर. एस. सेंगर एवं डॉ0 कृशानु
किसान भाईयों जैसा कि हम सभी जानते हैं कि कृषि कर्म एक ऐसा काम है, जिसमें विज्ञान के साथ ही अनुभव दोनेां की ही आवश्यकता होती है। गेंहूँ की फसल की अच्छी एवं वैज्ञानिक देखभाल और उचित समय पर पोषण प्रदान करने से गेंहूँ की फसल का उत्पादन अच्छा होता है। इसके सम्बन्ध में एन.पी.के. 19:19:11 एक विशेष प्रकार की खाद होती है, यह फसल की बढ़वार को तेज कर इसका उत्पादन बढ़ाने में सहायता करती है।
यह खाद पानी में पूर्ण रूप से घुल जाती है, जिससे गेंहूँ के पौधें इस खाद का अवशोषण आसानी से कर लेते हैं। नाईट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटाश का मिश्रण इसमें 19:19:11 के अनुपात में होता है। यह खाद पाउडर फार्म में उपलब्ध है और पानी में घोलकर इसका स्प्रे फसल के ऊपर किया जाता है। उपयोग में आसान और अपने बेहतर प्रभाव के चलते किसानों के लिए बहुत उपयोगी सिद्व होता है। इसका स्प्रे करना, न केवल फसल की उचित बढ़वार करता है, फसल के पीलेपन को दूर करने और फसलीय पौधों की जड़ों को मजबूती भी प्रदान करता है।
गेंहूँ की फसल में एन.पी.के का प्रयोग किस समय करें
गेंहूँ की फसल में एन.पी.के का उचित समय पर प्रयोग करना बहुत महत्वपूर्ण होता है। इसलिए गेंहूँ की बुवाई करने के 25 से 35 दिन के बाद, जब गेंहूँ के पौधों में कल्ले निकलना शुरू होते है, इसका स्प्रे करने का उचित समय होता है। कल्ले निकलने का समय गेंहूँ के पौधों के विकास के लिए सबसे अधिक महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि इस समय उन्हें पोषण की सर्वाधिक आवश्यकता होती है। अतः इस समय पौधों को सही पोषण मिलने पर पौधों की ग्रोथ अच्छी होती है तो उत्पादन भी अच्छा होता है और इससे किसानों की आय में अपेक्षित वृद्वि होती है।
स्प्रे में एन.पी.के. की उचित मात्रा
गेंहूँ की फसल में स्प्रे की सही मात्रा और स्प्रे करने के सही तरीके से ही करना चाहिए। स्प्रे करने के दौरान खेत में नमी का उचित स्तर रहने पर पौधें उसे शीघ्रता से अवशोषित कर लेते हैं। स्प्रें में पानी की संतुलित मात्रा और ध्यानपूर्वक पूरे पौधों पर ही स्प्रे करना चाहिए। ऐसा करने से पौधों पर खाद का प्रभाव तेजी से दिखाई देता है और फसल की गुणवत्ता में भी काफी सुधार आता है।
गेंहूँ की फस्ल में एन.पी.के. के स्प्रे करने का लाभ
गेंहूँ की फसल में यह स्प्रे करने के विभिन्न लाभ होते है, यह फसल की ग्रोथ को तेज करता है। यह गेंहूँ के पौधों में पोषण की कमी से आने वाल पत्तियों के पीलेपन को देर करता है। यदि खरपतवानाशक का उपयोग करने से पौधों के विकास में कोई कमी आती है तो यह स्प्रे पौधों को उससे उबारने में भी सहायता करता है। इसके साथ ही या गेंहूँ के पौधों की जड़ों को मजबूती प्रदान करके उसमें कल्लों की संख्या को बढ़ाती है, जिससे अंततः उत्पादन में सुधार आता है।
स्प्रे करते समय ध्यान रखने के योग्य बातें
गेंहूँ की फसल में एन.पी.के. का स्प्रे करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना भी बेहद आवश्यक होता है। स्प्रे को तैयार करने में पानी की मात्रा को संतुलित रखना चाहिए, जिससे कि खाद का प्रभव गेंहूँ के सभी पौधों तक पहुँच सके। सबसे अच्छा है कि गेंहूँ की प्रथम सिंचाई औश्र खरपतवारनाशक रसायनों का छिड़काव करने के बाद ही इसका स्प्रे करें, जिससे कि गेंहूँ के पौधों को सही समय पर उचित पोषण प्राप्त हो सके और उनकी ग्रोथ के समय किसी प्रकार की कोई रूकावट न आएं। एन.पी.के खाद काफी सस्ती और प्रभावाकरी होती है, हालांकि स्प्रे करने का उचित समय एवं उवित तरीके से करना आवश्यक होता है।
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।