घर पर मशरूम की खेती करने का तरीका Publish Date : 30/11/2024
घर पर मशरूम की खेती करने का तरीका
प्रोफेसर आर. एस. सेंगर एवं डॉ0 कृशानु
आप अपने घर के किसी कोने में मशरूम की खेती कर सकते हैं, ऐसे में हम आपको स्टेप बाय स्टेप बता रहे हैं कि मशरूम की खेती घर पर कैसे की जा सकती है। इस प्रकार से आप मशरूम की खेती करने का तरीका स्टेप बाय स्टेप जानकर मशरूम की खेती घर पर करना शुरू करके अच्छा उत्पादन भी प्राप्त कर सकते हैं। तो आईए अब जानते है घर पर मशरूम की खेती घर पर करने का आसान तरीका-
मशरूम की खेती करने के लिए सबसे पहले आपको इसकी अच्छी एवं अपने लिए उपयुक्त किस्म का चुनाव करना होता है। मशरूम की तीन किस्में होती है जिनमें बटन मशरूम किस्म, ऑयस्टर मशरूम किस्म और मिल्की मशरूम। इन किस्मों से आप अच्छा उत्पादन प्राप्त कर सकते है। इन किस्मों में से बटन मशरूम ठंडी जलवायु में तैयार होती है, तो वही ऑयस्टर मशरूम और मिल्की मशरूम गर्म जलवायु के लिए उपयुक्त होती है। इस प्रकार आपको इन किस्म का चुनाव करने में काफी आसानी हो जाती है।
मशरूम की किस्म का चुनाव करने के बाद आपको मशरूम की खेती करने के लिए खाद तैयार करना होता है, जिसके लिए आपको सबसे पहले उचित जलवायु और पानी उचित निकासी के साथ खुले सपाट ट्रै पर करनी होती है। यह एक ऐसी स्थान होना चाहिए जो कि कवर हुआ होना चाहिए। खेती में प्रयोग किए जाने वाले खाद भी दो प्रकार के होते हैं- सिंथेटिक और जैविक।
सिंथेटिक खाद में गेहूं के भूसे, चोकर, यूरिया, जिप्सम और कैल्शियम अमोनियम सल्फेट की मिलावट होती है। अतः इन सबको अच्छे से मिला ले और छिड़काव विधि से इसका स्प्रे कर दें ताकि यह भीगा हुआ ही बना रहे।
जैविक खाद के लिए आपको सबसे पहले उपयुक्त प्राकृतिक खाद जैसे गेहूं के भूसे और जिप्सम को घोड़े के ताजे गोबर और मुर्गी के गोबर के साथ मिलकर तैयार करना होता है। इसके बाद इस पर अच्छी तरह से पानी छिड़क और अच्छे से मिला ले और इसका फमेर्टेंशन होने दे। अब इसको रोजाना पलटते रहे तथा इसमें उचित नमी को बनाए रखें।
जब इस इस खाद में से अमोनिया की गंध आने लगे तो समझ लेना कि अब प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। एक बार खाद तैयार हो जाने के बाद में 15 से 18 सेंटीमीटर की मोटाई में ट्रे एक जैसा समतल कर दे। इस प्रकार जैविक खाद तैयार हो जाता है।
मशरूम की बुवाई करने से पहले माइसिलियम मिलाना जरूरी होता है या फिर इस पर माइसीलियम को छिड़क कर इसे खाद के साथ अच्छे तरीके से मिला दे। इसके साथ ही इसमें नमी के उचित स्तर को बनाए रखने के लिए अखबारों को उसके ऊपर ढ़क देना चाहिए या फिर नियमित रूप से इसमें पानी का छिड़काव करते रहना चाहिए।
इसके बाद आती ही है मिट्टी की बारी, तो केसिंग मिट्टी को इस खाद के ऊपर की परत के रूप में बिछाया जाता है। इसको गाय के गोबर के साथ मिलकर अच्छे से छानकर किसी भी हानिकारक रोगाणुओं को हटाने के लिए और जीवाणुओं आदि से रहित करके तैयार कर लिया जाता है। एक समान रूप से इस मिट्टी को अच्छी तरह से फैलाना है और विकास को प्रोत्साहित करने के लिए आपको 72 घंटे के लिए लगभग 27 डिग्री सेल्सियस का तापमान बनाए रखना होता है।
इस प्रकार आपको लगभग 15 दिन का इंतजार करना होगा जिसके बाद मशरूम की टोपियां या बटन उसके तनों पर दिखने लगते हैं। जैसे-जैसे यह बटन बड़े होने लगते हैं तो फिर यह कटाई के लिए तैयार हो जाते हैं। मशरूम की कटाई करने के लिए पहले आपको मिट्टी को दबाना होता है और टोपी का घूमर लूज करना होता है। इसके बाद आपको केक को सावधानी से हटाकर तने के आधार पर आगे के चक्र के लिए ट्रे में छोड़ना होता है। इस प्रकार आप आसानी मशरूम की खेती अपने घर पर ही कर सकते हैं।
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।