बरसात में किसान करें धनिया की खेती, बंपर होगी पैदावार

              बरसात में किसान करें धनिया की खेती, बंपर होगी पैदावार

                                                                                                                                                              डॉ0 आर. एस. सेगर एव डॉ0 रेशु चौधरी

हमारे घरो की रसोइ घर्रो में अहम किरदार निभाने वाले धनिया की खुशबू सब्जी में एक अलग ही स्वाद लेकर आती है। आमतौर पर इसका उपयोग दो पकार से किया जाता हैं। पहला तो हरे धनिया की पत्तियों के रूप में ही इस्तेमाल किया जाता हैं और दूसरे इसके बीज का भी सूखे मसाले के तौर पर उपयोग किया जाता हैं। जितना यह हमारे खाने का स्वाद बढ़ाने में कारगर होता है, उससे कहीं ज्यादा हम इसकी खेती करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।

                                                                      

गर्मी के मौसम के मुकाबले बारिश के मौसम में बाजारों में इसकी मांग अधिक बढ़ जाती है. क्योंकि बारिश के मौसम में बहुत ही कम किसान धनिया की खेती करते हैं। हमारे कृषि विशेषज्ञ बता रहे हैं बरसात के मौसम में धनिया की खेती किस प्रकार से की जा सकती है।

भारतीय कृषि के क्षेत्र में वर्षों लम्बा अनुभव रखने वाले सरदार वल्लभभाईं पटेल कृषि एव प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के प्रोफेसर राकेश सिह सेगर बताते हैं कि बरसात के मौसम में बाजारों में सब्जियों की आवक कम हो जाती है. जिससे सब्जियां महंगे दामों में बिकने लगती है। .सब्जी का स्वाद बढ़ाने वाला धनिया भी बरसाता के दस मौसम में बाजारों में बहुत ही कम मिलता है।

अतः इस सीजन में किसान धनिया की खेती करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं, क्योंकि इस मौसम में बाजारों में धनिया की आवक कम होने के कारण इसके दाम आसमान छूने लगते हैं।

इस तरह तैयार करें धनिया की खेत

                                                             

बरसात के सीजन में धनिया की खेती करने के लिए किसान खेत की गहरी जुताई करने के साथ ही बुवाई से 15 दिन पहले खेत में दवा का छिड़काव कर देना चाहिए, जिससे खेत के खरपतवार नष्ट हो जाए तथा उसके बाद खेत में सड़ी हुई गोबर की खाद मिला देना चाहिए। इसके साथ ही उचित मात्रा में डीएपी और पोटाश का प्रयोग करके खेत को अच्छे तरीके से तैयार कर लेना चाहिए।

रोग एवं कीट आदि से बचाव के लिए करें यह काम

बरसात के मौसम में खेत में नमी अधिक होने के कारण धनिया की फसल में कीट एवं रोग लगने का खतरा भी बढ़ जाता है। अतः इस समस्या से बचने के लिए किसान अपने खेत मे क्लोरोपायरीफास नामक दवा का छिड़काव करें, जिससे फसल में रोग एवं कीट न लगने पाए।

बीज के अच्छे अंकुरण के लिए अपनाएं यह तरीका

बुवाई करने से पहले धनिया के बीज को भिगोकर जूट की बोरी में कछ समय के लिए रख दें और इसके बाद खेत में बुवाई करें, ऐसा करने से बीज का अंकुरण अच्छा होता है।

बुवाई करने का तरीका

                                                                              

एग्री एक्सपर्ट डॉ0 सेगर बताते हैं कि बरसात के मौसम में धनिया की खेती करने के लिए किसान उस खेत का चयन करें, जिसमें जल निकासी की उचित व्यवस्था हो। वहीं दोमट मिट्टी इसकी खेती के लिए सबसे उपयोगी मानी जाती है। मिट्टी का पीएच मान 6.5 से 7.5 तक का होना चाहिए।

इससे आगे की जानकारी देते हुए डॉ0 सेगर बताते हैं कि धनिया की बुवाई पंक्तिवार ही करनी चाहिए। जिसमें पंक्ति से पंक्ति के बीच की दूरी 30 सेमी. पौधे से पौधे की दूरी 10 से 15 सेमी. के बीच रखनी चाहिए। 1 एकड़ में 8 से 10 किलो बीज की आवश्यकता होती है। बारिश के सीजन में धनिया बाजारों में 100 रुपए से लेकर 300 रुपए किलोग्राम तक आसानी से बिक जाता है और किसान धनिये की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।

लेखकः प्रोफेसर आर. एस. सेंगर, निदेशक प्रशिक्षण, सेवा योजन एवं विभागाध्यक्ष प्लांटबायोटेक्नोलॉजी संभाग, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।